उन बद्दुआओं से डरें जो बोलकर नहीं दी जातीं…

खामोशी गवाह है, इंसान थक चुका है।

खामोशी को चुना है मैंने क्योंकि बहुत कुछ सुना है मैंने

कोई अंदर से मर जाए तो मातम क्यों नही होता ?

सुकून से इसलिए हूँ,  क्योंकि धोखा खाया है, दिया नहीं है..

हम खुद के किरदार से खूश हैं,  दुसरे जैसा बनने की तमन्ना हमारी नहीं..!

हकीकत तो यही है कि,  तुम मेरे कभी हो नहीं सकोगे

Life is Like station भीड़ बहुत है पर अपना कोई नहीं...!

कभी कभी उदासियों की,  कोई वजह नहीं होती !.